Thursday, 18 August 2011

नई आज़ादी की मिशाल

आओ मिल जुल के एक हो जाये , एक नई आज़ादी की मिशाल जलाये 
उठो जागो नशो को त्यागो, मन में नए सुन्दर फूल खिलाये 
नेताजी सुभाष, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का कर्ज्ज़ चुकाएं भरष्टाचार को मार मुकाएं 
आओ एक नयी आज़ादी की मिशाल जलाएं .........
नहीं है कोई दुश्मन दुज्जा, खेत की बाड़ ने है खेत को लुटा 
आओ इनको सबक सिखाएं, माँ भारती की पुकार पर और अन्ना की ललकार पर 
आओ एक नयी क्रांति लाए भारत का स्वर्णिम इतिहास बनाये   
आओ एक नयी आज़ादी की मिशाल जलाएं .........
जो है भारत माँ का सपूत , रण मैं वो आगे आये जा करके वो गल्ली कुचे में
जोश और उल्लास से ये गीत गए 
आओ मिल जुल के एक हो जाये , एक नई आज़ादी की मिशाल जलाये .................
आओ मिल जुल के एक हो जाये , एक नई आज़ादी की मिशाल जलाये ..................
वन्दे मातरम .......भारत माता की जय ..........इन्कुइलाब जिंदाबाद 

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