तोड़ दे जंजीरों को माँ भारती को आज़ाद करे, भरष्टाचार की गुलामी को जड से ही हम खतम करे
क्या था गुलाम गोरो ने , मानसिकता को था गुलाम किया था
मात् भक्तो ने दे के बलि अपने सिरों की , आजादी के सपने को पूरा किया था
आज मगर क्या आज़ाद है हम, जरा पूछो प्रशन अपने स्वाभिमान से
तोड़ दे जंजीरों को माँ भारती को आज़ाद करे, भरष्टाचार की गुलामी को जड से ही हम खतम करे ........
गांधीजी ने अहिंसा का दिया जो हत्यार है, आज फिर रन मे ले के खड़ा वोह एक नया अवतार है
नमन है मेरा उस योधा को, अन्नाजी जिसका नाम है
है नमन उसकी शक्ति को जो राष्ट्रभक्ति का कर रही आह्वान है
बनके इसको अपना सोभाग्य आओ इसका सम्मान करे
तोड़ दे जंजीरों को माँ भारती को आज़ाद करे, भरष्टाचार की गुलामी को जड से ही हम खतम करे ........
भारत माता की जय ...वन्दे मातरम....इन्कलाब जिंदाबाद ....अन्नाजी जिंदाबाद
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